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सिवा
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but
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merely
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simply
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only
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just
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जाटिलिक
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मासुरकर्ण
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मजिरक
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लह्य
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मलऊन
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तैत्तरीय
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सिजदा
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संगणन
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भजन - हरिदासनके निकट न आवत ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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परकीया नायिका
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सटीक
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मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - पदार्थदशमी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - प्रदोषव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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विविध - आरामके साथी क्या -क्या ...
’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।
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अद्वैतवाद
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कीर्तिमुख
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नपुंसकलिंग
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धर्ममूर्ति
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निष्ठावान
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व्यंजना
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ज्येष्ठ शुक्लपक्ष व्रत - निर्जलैकादशीव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - हे स्वामी ! अनन्य अवलम्ब...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
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अलोक
Meanings: 23; in Dictionaries: 5
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विनय पत्रिका - हनुमंत स्तुति १२
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विनय पत्रिका - विनयावली ८४
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - दीपावली
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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विनय पत्रिका - विनयावली ५८
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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अक्षरांची लेणी - नवरात्र उपासना
लोकगीते म्हणजे लोकांच्या मानसिकतेची निर्मिती. ती कधीच जुनी होत नाही, उलट त्यातील गोडवा वाढतच जातो.
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कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - भीष्मपञ्चक
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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रंगभेद
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नरिष्यन्त
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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मेघदूत उत्तरमेघा - श्लोक १ ते ५
"मेघदूत" की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है।
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विनय पत्रिका - विनयावली ७५
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विनय पत्रिका - श्री राम नाम जप ३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग ६
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
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मेघदूत पूर्वमेघा - श्लोक ५१ ते ५५
"मेघदूत" की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है।
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विनय पत्रिका - विनयावली १५१
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विनय पत्रिका - विनयावली १४४
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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विनय पत्रिका - विनयावली १८२
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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आश्विन कृष्णपक्ष व्रत - पितृव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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विनय पत्रिका - विनयावली २०२
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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माघ कृष्णपक्ष व्रत - कृष्णैकादशी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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विनय पत्रिका - विनयावली १६५
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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लावणी १०७ वी - राम राम घ्यावा कविचा राम ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगाराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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